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गुरुवार 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए 28 सितंबर तक के लिए emi मोरेटोरियम को बढ़ा दिया है। इसके तहत बैंकों को किस्तों का भुगतान न करने के कारण किसी भी लोन को एनपीए घोषित नहीं करने का निर्देश दिया गया है।
आपको बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान लोन धारकों की मदद के लिए emi मोरेटोरियम शुरू की गई थी जो कि पिछले महीने की 31 अगस्त को ही समाप्त हो गई थी। इस योजना के अनुसार, लोन धारकों को 6 महीने के लिए लोन अथवा ईएमआई चुकाने के लिए मोहलत दिया गया था ।
हालांकि शीर्ष अदालत ने बैंकों को किसी भी खाते को एनपीए घोषित करने का आदेश नहीं दिया है। फिर भी यह तय नहीं किया है कि क्या मोरेटोरियम के दौरान लोन पर ब्याज पर ब्याज लेना है या नहीं ।
अब, सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज माफ करने की योजना खोजने के लिए RBI और अन्य बैंकों को दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह RBI से सलाह मश्वरा करे और 2 सप्ताह के भीतर इन मुद्दों पर ठोस निर्णय ले।
लोन धारकों की तरफ से मौजूद वकील राजीव दत्ता ने कोर्ट में कहा कि, “राहत कहाँ है? लोन नियमों में अब फेरबदल किया जा रहा है, जो कि पहले किया जाना चाहिए था”
आगे उन्होंने कहा, “लाखों लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर अस्पतालों में हैं, कईयों ने तो अपनी आय स्रोत खो दिए हैं। केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, मोरेटोरियम के मुद्दे पर राहत का फैसला करना चाहिए। ब्याज पर ब्याज सहित अगर कोई और दिक्कतें महसूस हो तो उसमें छूट देने पर विचार करना चाहिए।
बैंकों को ईएमआई मोरेटोरियम के लिए चुने गए खातों पर ब्याज पर छूट देना चाहिए या नहीं, अपने विचार कमेंट करें। लॉजिस्टिक संबंधित अन्य समाचार और लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे ‘सहायता पोर्टल’ पर जाएँ।