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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, एक सितंबर से देश भर के कई टोल प्लाजाओं पर ज्यादा टोल चुकाना होगा। कोलकाता, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजधानी दिल्ली सहित कई अलग अलग हाईवे और अलग-अलग राज्यों में टोल टैक्स में बढ़ोत्तरी की गई है।
आपको बता दें कि, यह बढ़ोत्तरी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि NHAI के द्वारा की गई है। सरकार के इस फैसले के बाद इन तमाम टोल प्लाजाओं पर टोल टैक्स लगभग पांच फीसदी तक महंगा होगा।
आइए सीधे जान लेते हैं कि किन किन रूट में जाने पर आपको ज्यादा टोल टैक्स भरना पड़ेगा। चूंकि ट्रक अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग हाईवे पर जाता है। इसलिए खासकर ट्रक मालिकों के लिए यह जानना ज्यादा जरुरी है।
- करनाल-पानीपत जाने वाली NH 44 पर मंथली पास और पर्सनल वाहन दोनों के लिए टोल टैक्स को बढ़ा दिया गया है।
पर्सनल वाहन (एक विजिट) – 5 से 20 रुपया
महीने का पास – 60 से 350 रुपया
- UP के सीतापुर टोल पर एक तरफ जहाँ दो चक्का वाले वाहनों को इससे छूट है। वहीँ, कार, जीप, मिनी बस सहित ट्रक मालिकों को अब ज्यादा टोल देना होगा।
कार, जीप, वैन और मिनी बस – 110 रुपया
ट्रक – 225 रुपया
डबल एक्सल वाहन – 360 रुपया
- जयपुर मानेसर टोल से गुजरने जाने वाले सभी वाहनों को अब 1 – 4 % तक अधिक टोल टैक्स भरना होगा।
- Delhi-Badarpur Flyover से गुजरने वाले सभी हलके commercial और सामान ढ़ोने वाले हलके वाहनों और मिनी बस के सिंगल ट्रिप, ज्यादा ट्रिप और मंथली पास के लिए ज्यादा पैसा देना होगा।
सिंगल ट्रिप – 40 रुपया
एक से ज्यादा ट्रिप – 59 रुपया
महीने भर का पास – 1190 रुपया
इसी तरह तमिलनाडु में 21, कोलकाता में 15 और महाराष्ट्र में 4 टोल प्लाजाओं पर वाहनों के लिए टोल टैक्स बढ़ा दिया गया है।
इस बारे में पूछे जाने पर, NHAI के एक अधिकारी ने कहा कि टोल टैक्स में हुई यह बढ़ोत्तरी हर साल 1 सितंबर को होने वाली नियमित बढ़ोतरी है। इसे अगर आसान भाषा में कहें तो देश भर में हर साल 1 सितंबर को टोल टैक्स में बढ़ोत्तरी की जाती है इसलिए इस साल भी वही फॉलो किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, “टोल टैक्स में हुई यह मामूली बढ़ोतरी, राष्ट्रीय राजमार्ग के शुल्क नियम, 2008 के प्रावधानों के अनुसार, wholesale price index के आधार पर होने वाली आटोमेटिक प्रोसेस है।”
हालाँकि, देश भर में कई रिपोर्टों से हमें पता चला है कि, ऐसे समय में टोल टैक्स बढ़ जाने से ट्रांसपोर्टर खुश नहीं हैं।
सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए Fastag से जुड़े नए-नए नियम लाती रहती है। ऐसे में उन वाहन मालिकों या ट्रक मालिकों को ज्यादा परेशानी हो सकती है जो अभी तक या तो फास्टैग लगवाए ही नहीं हैं या फिर अगर फास्टैग लगवा भी लिया है तो उन्हें बेहतर तरीके के साथ मैनेज नहीं कर पा रहे हैं।
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