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नमस्कार व्हील्सआई देख रहे हैं आप, मैं हूँ सत्यम। देश भर में अनलॉक 3 लागू होते ही सरकार ने निर्माताओं के साथ-साथ बाकी कंपनियों को भी अपने व्यवसायों की गति को फिर से शुरू करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। अक्सर रिपोर्ट में भी माल और सेवाओं की खरीद के इंडेक्स का विश्लेषण करते हुए बताया जाता है कि कोरोना महामारी के कारण जो अर्थव्यवस्था रुकी हुई थी, वो अब धीरे-धीरे स्पीड पकड़ रही है।
आज के इस वीडियो में हम जानेंगे कि क्या अनलॉक 3 के दौरान भारत में माल ढोने वाले वाहनों की उपयोग में बढ़ोत्तरी हुई है या नहीं ? माल ढोने वाले वाहन से मेरा मतलब है वैसा सभी वाहन जो सामान ढोने का काम करती है।
इस बात का पता लगाया जा सकता है e-way बिल के माध्यम से। चूंकि, ट्रक व्यवसाय से संबंधित एक महत्वपूर्ण संकेतक है यह बिल। इससे पहले आपको जानना जरुरी है कि e-way बिल के माध्यम से कैसे पता लगाया जाएगा। दरअसल इस बिल का मतलब एक ऐसा परमिट है, जो भारत में कहीं भी 50,000 रुपये से अधिक के माल के परिवहन के लिए जरुरी है। इसी का उपयोग करके हम भारतीय ट्रांसपोर्टरों की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करेंगे।
गुड्स एंड सर्विस नेटवर्क द्वारा ई-वे बिल पर detailed analysis से पता चला है कि पिछले साल की तुलना में जुलाई के महीने का e-Way बिल का collections लगभग 7.3% कम था। जबकि, जून 2020 में 12.7% का दवाब देखा गया है। साल दर साल के आंकड़ों की तुलना करने पर इसे सुधार के रूप में देखा जा सकता है।
अभी आपको हम एक ग्राफ दिखाएँगे जिसे देखने के बाद अनलॉक 3 के बाद ट्रक व्यवसाय में हुई सुधार को खुद ही समझ जाएंगे।

पिछले साल के ट्रक उपयोग से तुलना करने पर सामने आई ये बातें :
- पिछले साल की तुलना में, भारत में ई-वे बिल के कलेक्शन में कोरोनोवायरस महामारी के कारण साफ़ तौर पर गिरावट देखी गई है।
- मार्च में ई-वे बिल कलेक्शन में लगभग 20-25% की गिरावट।
- उपयोग के लिहाज़ से, अप्रैल महीना स्पष्ट रूप से भारत में ट्रक ड्राइवरों के लिए 2020 का सबसे कठिन महीना रहा है। अगर पिछले महीने से तुलना करें तो, अप्रैल में इंट्रास्टेट (राज्य के अंदर) में 79.8% और इंटरस्टेट (एक राज्य से दूसरे राज्य) में 88.4% की गिरावट आई थी।
- मई में ट्रकों की मांग धीरे-धीरे बढ़ने लगी और ई-वे बिल कलेक्शन में भी बढ़ोत्तरी हुआ। वहीँ, पिछले साल की तुलना में इस महीने इंट्रास्टेट (राज्य के अंदर) में 46.1% और इंटरस्टेट (एक राज्य से दूसरे राज्य) में 62.6% की गिरावट देखी गई।
- जून में डिप बरक़रार था लेकिन ई-वे बिल का कलेक्शन बढ़ गया। और, इस दौरान 18 से 20% की मामूली गिरावट थी।
- जुलाई 2019 से जुलाई 2020 की तुलना करने पर पता चला कि, इस साल जुलाई में इंट्रास्टेट में 7.3% और इंटरस्टेट (एक राज्य से दूसरे राज्य) में लगभग 12% की गिरावट आई है।
इसी तरह की तमाम जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।