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रविवार, 19 जुलाई के दिन व्हील्सआई ने 12वें फेसबुक लाइव का आयोजन किया। इसका मुख्य मकसद ट्रक मालिकों को इस बारे में जागरूक करना था कि बड़ी कंपनियों के साथ काम करते हुए किन बातों और मापदंडों का ध्यान रखा जाए। साथ ही इस बात की भी चर्चा हुई कि बड़ी कंपनियां व्यापार के लिए किसी ट्रांसपोर्टर का चुनाव करते वक्त किन मुख्य बिंदुओं की तलाश करती हैं।
हमें श्री इंगित सक्सेना से बातचीत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिन्हें कुल 22 से अधिक साल और सिर्फ लोजिस्टिक्स में ही 10 साल का अनुभव है।
वेबिनार में खास तौर से इस बात पर चर्चा हुई कि अगर किसी ट्रक मालिक को किसी बड़ी कंपनी के साथ व्यापार करने का अवसर मिलता है तो उसे कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ध्यान देने लायक अहम बातें इस प्रकार हैं:
- डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी : बीते कुछ महीनों में निरंतर डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है। अगर कोई ट्रक मालिक किसी कम्पनी से लंबी अवधि का करार करता है तो यह पहले ही साफ करना चाहिए कि अगर इस अवधि के दरमियाँ डीज़ल की कीमत बढ़ती है तो क्या भाड़ा भी बढ़ाया जा सकता है? और किस अनुपात में बढ़ाया जा सकता है?
- लोडिंग / अनलोडिंग में देरी : सामान देरी से पहुंचने पर अमूमन कंपनियां ट्रक मालिकों पर पेनल्टी लगाती हैं। मगर यह भी देखा गया है कई बार लोडिंग / अनलोडिंग में देरी कंपनी की वजह से ही होती है जिस से ट्रक मालिक का कीमती वक्त जाया होता है। तो क्या ऐसे में कंपनी ट्रक मालिक को जुर्माना अदा करेगी?
- भुगतान में देरी : क्या भुगतान में देरी होने पर कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान करार का हिस्सा है?
- करार के नियम व शर्तें : करार के नियम व शर्तों को हमेशा ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि आने वाले समय में इनके गंभीर कानूनी, आर्थिक व व्यापारिक परिणाम हो सकते हैं।
व्हील्सआई से बातचीत करने और इस वेबिनार का हिस्सा बन ने के लिए हम श्री इंगित सक्सेना का शुक्रिया अदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऊपर लिखी जानकारी ट्रांसपोर्ट समुदाय के लिये फायदेमंद साबित होंगी।
हर रविवार शाम 6 से 7 बजे हमारे फेसबुक लाइव से जुड़ना न भूलें।