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देश भर में चल रहे वाहनों को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नया फैसला जारी किया है। एक तरफ, जहाँ यह फैसला फास्टैग के नियमों को मज़बूत करेगा वहीँ, दूसरी तरफ इससे कोरोना संक्रमण के संभावनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।

क्या है परिवहन मंत्रालय का फैसला?
- अब पूरे देश में वाहनों का पंजीकरण करने या उनको फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते समय ही फास्टैग विवरण लेना सुनिश्चित करने का फैसला लिया गया है।
- अब वाहन (VAHAN) पोर्टल के साथ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) को भी पूरी तरह जोड़ दिया गया है।
- वाहन प्रणाली अब वीआईएन/वीआरएन (VIN/VRN) के माध्यम से फास्टैग पर सभी जानकारी हासिल कर रही है।
- एम (M) और एन (N) श्रेणी के वाहनों की बिक्री के समय नए वाहनों में फास्टैग लगाना 2017 में ही जरुरी कर दिया गया था। लेकिन, बैंक खाते के साथ जोड़ने या उन्हें सक्रिय किए जाने से जो बच रहे थे अब उसकी जांच की जाएगी।
सरकार के इस फैसले का क्या है मकसद ?
- इससे यह पता लगाया जाएगा कि, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा को पार करने वाले वाहन फास्टैग भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग कर रहे हैं और नकद भुगतान से बचा जा रहा है या नहीं।
- फास्टैग का उपयोग और प्रचार राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) टोल प्लाजा पर कोरोना के प्रसार की संभावनाओं को कम करने में भी प्रभावी होगा।