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ट्रकों के रखरखाव में होने वाली खर्चों में अकेले टायर के रखरखाव का खर्चा कुल लागत का लगभग 20 प्रतिशत होता है। हालांकि, टायर के बेहतर और लंबे टिकाव से जुड़ी जरुरी बातों को जानकार ट्रक मालिक इस खर्च में बचत कर सकते हैं।
वाहन के रखरखाव में होने वाले खर्चों को कम करने के लिए सबसे जरुरी है बेहतर टायर का चयन करना। नीचे कुछ जरुरी बातें दी गई है जिसे टायर का चयन या टायर खरीदते समय ध्यान में रखनी चाहिए।
1. टायर का प्रकार
इन मापदंडों का उपयोग करके, ट्रक मालिक आसानी से तय कर सकते हैं कि वाहन में रेडियल, नायलॉन आधारित, ऑल-सीजन टायर (एटी) या हाईवे टायर (एचटी) में से किसकी जरुरत है।

2. हवा का दवाब
गलत हवा का दबाव और हद से ज्यादा लोडिंग के कारण टायर तेजी से घिसता है। यही नहीं, इसकी वजह से वाहन में तेल की खपत भी अधिक होती है, जिसे वाहन मालिक का खर्चा भी बढ़ जाता है । इसलिए, ट्रक मालिकों / ड्राइवरों को हर यात्रा से पहले और बाद में टायर के दबाव की जांच की आदत बना लेनी चाहिए।
3. पहिए की एलाइनमेंट (Alignment)
कोई भी वाहन ठीक से या सुचारू रूप से तभी चल पाता है जब सभी पहिये ठीक हों यानि एक समान चल रहे हों। पहिया का बेढंगा एलाइनमेंट , कंपन (बाएं / दाएं या ऊपर / नीचे) का कारण बन सकता है और टायर को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, ड्राइवरों को टायर के लंबे और बेहतर टिकाव के लिए और रखरखाव में होने वाले खर्चों को कम करने के लिए प्रत्येक 6 महीनों में सभी पहियों के एलाइनमेंट की भी आदत बनानी चाहिए।
4. ड्राइवर का व्यवहार
इसलिए, ड्राइवरों के लिए सही ड्राइविंग आदतों का पालन करना और ट्रक मालिकों के लिए इन सभी जरुरी दिशानिर्देशों पर ड्राइवरों को शिक्षित करना आवश्यक हो जाता है।

5. टायर के ऊपरी हिस्से की गहराई
एक टायर को हटाने या बेचने से पहले उसके पूरे जीवन काल के दौरान 3-5 बार नई रबर चढ़ाया जा सकता है। इस प्रकार, टायरों की गहराई की निगरानी रखरखाव प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा बन जाता है। ट्रक मालिकों या ड्राइवरों को दुर्घटनाओं से बचने और सुरक्षित यात्रा करने के लिए टायर की सभी स्थिति पर ध्यान रखना चाहिए।