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लॉकडाउन की वजह से सरकार ने सभी को लोन/EMI के भुगतान के लिए तीन महीने की मोहलत दी थी। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में, सरकार का यह फैसला लोगों के लिए बेहद अच्छा विकल्प साबित हुआ।
हालांकि, जैसे-जैसे अब चीज़ें सामान्य हो रही है। ऐसे में बेहतर रहेगा कि मोरेटोरियम को आगे ना चुनें और लोन लेकर इसे चुका दें।
EMI मोरेटोरियम और इमरजेंसी लोन में अंतर समझिये
- EMI मोरेटोरियम में आपको EMI + EMI पर लगने वाला ब्याज + बकाया लोन राशि पर भी ब्याज देना होगा।
- अगर, इमरजेंसी लोन (EWCL) लेकर चुका देते हैं EMI तो ब्याज में 90 प्रतिशत तक की बचत पा सकते हैं।
- इमरजेंसी लोन के लिए आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है क्यूंकि, उसमें पहले एक साल तक केवल ब्याज भरना होगा।
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उदाहरण से समझिये कि दोनों में अंतर ?
नीचे दिए गए, लोन के नियम व शर्तों को मानकर समझिये-

साथ ही, हम यह भी मान रहे हैं कि मोरेटोरियम तीन महीने यानि जुलाई, अगस्त और सितम्बर तक है।
पहला: EMI मोरेटोरियम

ध्यान दें: जिस राशि पर ब्याज की गणना की जा रही है वह पिछले महीनों के कुल ब्याज और बकाया लोन का जोड़ है।
कुल मोरेटोरियम ब्याज = 7473 + 7529 + 7586 = = 22,588
दूसरा: इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल लोन

EMI मोरेटोरियम और इमरजेंसी लोन का तुलनात्मक विश्लेषण

इस प्रकार, मोरेटोरियम पर चुकाया जाने वाला ब्याज, इमरजेंसी लोन से 4.75 गुना अधिक है।
क्या कहते है फाइनेंस विशेषज्ञ?
- फाइनेंस अधिकारी के मुताबिक़, जितना जल्दी हो सके इससे निकलें, यह सही नहीं है।
- बेहतर है कि, लोन लेकर इसे चुका दें
- अगर किसी भी तरीके से लोन लेने में सक्षम हैं तो लेकर इसे चुका दें वरना, बाद में मोरेटोरियम भारी पड़ सकता है।
उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद EMI मोरेटोरियम और इमरजेंसी लोन में फर्क समझ गए होंगे होंगे। इसके बावजूद, अगर आपके पास कोई सवाल है तो कमेंट के जरिए आप पूछ सकते हैं।
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