Order your Free FASTag Today!


कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए आपदा प्रबंधन और व्यापार निरंतरता के कायदे व योजनाएं शामिल करने के लिए नैशनल लोजिस्टिक्स पॉलिसी पर फिर से नज़र डालना जरूरी हो जाता है। FICCI द्वारा हाल ही में आयोजित एक संवादात्मक सत्र में पवन कुमार अग्रवाल (विशेष सचिव – लोजिस्टिक्स के पद पर हाल ही में नियुक्त) के साथ इस विषय पर चर्चा की गई। इस सत्र में कई लोजिस्टिक्स संगठन भी शामिल थे।
नैशनल लोजिस्टिक्स पॉलिसी के नीचे लिखे पहलुओं पर चर्चा की गई और सभी हिस्सेदारों से कहा गया कि कोरोना के कारण बने हालात को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी में क्या बदलाव किये जायें इससे जुड़े सुझाव सरकार को दें –
- डिजीटल लोजिस्टिक्स की जरूरत
- लोजिस्टिक्स सेक्टर के लिए सरकार में सिंगल पॉइंट ऑफ कॉन्टैक्ट (सरकार तक बात पहुंचाने के लिए मात्र एक व सहज माध्यम) की जरूरत
- लोजिस्टिक्स उद्योग द्वारा किये गए निवेशों को ऐसे समय मे सुरक्षित करने की योजना
- लोजिस्टिक्स का एकीकृत विकास
- थोक कार्गो को सुव्यवस्थित करना
- प्रथम-मील और अंतिम-मील लोजिस्टिक्स को हल करना
- बाकी देशों को देखते हुए एक्सपोर्ट का स्तर उठाना
- सप्लाई चेन का मानकीकरण
- लोजिस्टिक्स संपत्तियों का अनुकूलन
- ऐसी लोजिस्टिक्स को बढ़ावा देना जो पर्यावरण के लिए बेहतर लोजिस्टिक्स हो
सत्र में मौजूद सभी हिस्सेदारों और सचिव ने माना कि सामाजिक दूरी बनाने के लिए और माल की बेहतर आवाजाही के लिए डिजिटिकरण एक कारगर उपाय है।
हमारी ट्रांसपोर्ट समुदाय से गुज़ारिश है कि ऐसे मुश्किल समय से निपटने के लिए नैशनल लोजिस्टिक्स पॉलिसी में जरूरी प्रावधानों पर अपनी राय भेजें – कृपया नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। आप हमें ईमेल (connect@wheelseye.com) या व्हाट्सएप्प (99714 00000) भी कर सकते हैं।
आखिर इस पॉलिसी का असर इस उद्योग से जुड़े तमाम लोगों पर पड़ेगा और इसके बारे में जागरूक होना बेहद जरूरी है।