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कोविद-19 लोकडाउन सभी भारतीयों के लिए एक मुश्किल समय बन कर सामने आया है। देश के ट्रांसपोर्ट उद्योग को भी इसकी वजह से कई अड़चनों का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद ट्रांसपोर्ट उद्योग वापसी की हर संभव कोशिश कर रहा है, जैसा कि धीरे मगर निरंतर बढ़ते आवाजाही के आंकड़ों से प्रतीत होता है (इसके बारे में आप हमारा पिछला लेख यहां पढ़ सकते है – https://help.wheelseye.com/hi/posts/2721/)। जाहिर है कि सरकार व ट्रांसपोर्ट उद्योग के सामने अभी भी कई ऐसी चुनौतियां हैं जिनका सामना करना बाकि है और कई ऐसी मुश्किलें हैं जिनके हल अभी मिले नहीं हैं।
ट्रांसपोर्ट संस्थान जैसे आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने कई बार ड्राइवरों, कर्मचारियों व डिमांड की कमी से जुड़े मुद्दों को उठाया है। ई-पास सिस्टम और लोकल स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों को सही से लागू न करने को ले कर भी कई सवाल हैं।
28 अप्रैल को राज्य परिवहन मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी ने राज्य की सीमाओं पर फसे ट्रक बहाल करने का आग्रह किया है। इस वीडियो कांफ्रेंस में इन मुख्य बातों पर चर्चा हुई:
- राज्य की सीमाओं पर फसे ट्रकों की बहाली देश के विभिन्न हिस्सों में जरूरी सामान की सप्लाई के लिए बेहद जरूरी है।
- अन्तर्राजीय स्क्रीनिंग और क्लीयरेंस की वजह से तकरीबन 3.5 लाख ट्रक इस वक़्त फसे हुए हैं।
- इसमें देरी न हो इसके लिए श्री गड़करी ने राज्य मंत्रियों से स्वयं हस्तक्षेप करने और लोकल/जिला स्तरीय अधिकारियों से बात करके समाधान ढूंढने को कहा है। ये सभी कदम स्वास्थ्य संबंधित दिशानिर्देशों – जैसे प्रयाप्त दूरी, ड्राइवर व ढाबों पर मास्क व सेनीटाइज़र का इस्तमाल – को ध्यान में रखकर ही उठाएं जाएं।
- श्री गड़करी ने कारखानों तक कर्मचारियों के आने-जाने के लिए यातायात के साधन और उनके खाने व रहने के इंतजाम का बंदोबस्त करने के लिए भी राज्यों से आग्रह किया। यह सभी कदम स्वास्थ्य संबंधित दिशानिर्देशों जैसे प्रयाप्त दूरी, मास्क व सेनीटाइज़र का इस्तमाल आदि को ध्यान में रखकर ही उठाएं जाएं।
- मीटिंग में आये एक सुझाव के जवाब में उन्होंने ट्रांसपोर्ट से जुड़े मसलों के हल के लिए मंत्रालय की ओर से एक हेल्पलाइन शुरू किये जाने की बात भी कही।
केंद्रीय मंत्री की तरफ से ऊपर लिखे निर्देश दिए जाना यह बताता है कि ट्रकों की अन्तर्राजीय आवाजाही सुधारने के लिए केंद्र सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। 27 अप्रैल को ‘अधिकार प्राप्त समूह 5’ (एम्पावर्ड ग्रुप 5) की ओर से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 मार्च से 25 अप्रैल के बीच खाद्य पदार्थ व दवाईयां सप्लाई करने वाले ट्रकों की आवाजाही 46% से बढ़कर 76% हो गई। इस किस्म के आँकड़े और साथ ही चीन के ट्रांसपोर्ट उद्योग की कोरोना के बाद की गई जबरदस्त वापसी भारत के ट्रांसपोर्ट समुदाय में जरूर उम्मीद जगायेंगे।
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Please Ashok Leyland ki iAlart gprs system ko 24.03.2020 se31.03.2020 tak services dene Lockdown me truck Khara hone se Re charge why
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आज गाड़ी मालिक की हालत काफी गम्भीर है यहा काम कम और गाड़ी ज्यादा है यह कोरोना के पहले से है अभी कोरोना मे गाडी के सारे पेपर की अवधि बड़ी दी जय